Friday, January 13, 2012

ग्वालियर DM की दोस्त बने फेसबुक-ट्विटर!



ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के कलेक्टर पी. नरहरि राज्य के उन अधिकारियों की कतार में शामिल हो गए हैं, जो लोगों की शिकायतें सुनने व विकास की प्रक्रिया में उनके सुझाव जानने के लिए फेसबुक अथवा ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। नरहरि के पास इन दोनों साइट्स से हर रोज 30 से 40 शिकायतें व सुझाव आ रहे हैं।
ग्वालियर के कलेक्टर के तौर पर 10 दिन पहले जिम्मेदारी सम्भालने वाले पी. नरहरि ने जिले की हालत सुधारने में आम आदमी की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का सहारा लिया है। उन्होंने फेसबुक व ट्विटर पर अपना अकाउंट बनाया है। नरहरि इनके जरिए आम लोगों से सीधा सम्पर्क स्थापित कर विकास के लिए सुझाव व शिकायतें जानना चाहते हैं।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए पी. नरहरि का कहना है कि ग्वालियर जिले की लगभग 60 फीसदी आबादी शहर में रहती है, लिहाजा इसमें से अधिकांश इंटरनेट का इस्तेमाल करते होंगे। यह मानकर उन्होंने आम लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का सहारा लिया है।
नरहरि ने बताया कि वह मानते हैं कि अधिकांश लोग कलेक्टर अथवा प्रशासनिक अमले से सीधे सम्पर्क करने से हिचकते हैं, वहीं दूसरी ओर दफ्तर में पहुंचकर मुलाकात आसान नहीं होती। इतना ही नहीं कई लोग फोन से सम्पर्क साधने की कोशिश करते हैं लेकिन अधिकारियों की बैठक आदि की व्यस्तताओं के चलते ऐसा हो नहीं पाता।
नरहरि ने आगे बताया कि अपनी व्यस्तता और आम आदमी की स्थिति का आकलन कर उन्होंने तय किया कि सम्पर्क साधने के लिए सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का सहारा लिया जाए। वह बताते हैं कि उनकी इस पहल के शुरुआती 10 दिनों में ही सार्थक परिणाम सामने आए हैं। बीते 10 दिनों में फेसबुक पर 200 और ट्विटर से 70 लोगों ने उनसे सम्पर्क किया है।
वह आगे बताते हैं कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स से जिन लोगों ने उनसे सम्पर्क किया है, उनकी ओर से शहर के सौंदर्यीकरण, विकास सम्बंधी सुझावों से लेकर गड़बड़ियों की शिकायतें आई हैं। कहां शराब बिक रही है, कहां दीगर गड़बड़ियां हैं, ये शिकायतें उन तक आई हैं। इतना ही नहीं एक व्यक्ति ने स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस ज्यादा लेने व रसीद कम राशि की देने तक की शिकायत की है।नरहरि मानते हैं कि उनकी इस पहल में शहर के लोगों की भागीदारी लगातार बढ़ेगी और जनता के सुझाव व शिकायतें नगर विकास में उनके लिए मददगार साबित होंगी।

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