Wednesday, June 10, 2009

ग्वालियर की तोमर रानी ने भेंट किया था बाबर को कोहिनूर

जगत प्रसिद्व कोहिनूर हीरा ग्वालियर की महारानी ने अपने दो बच्चो की हिफाजत के बदले हुमायूँ के मार्फ़त बाबर को भेंट में दिया था !ग्वालियर के पूर्व महाराजा विक्रमादित्य सिंह पानीपत के मैदान में इब्राहीम लोदी की सेना के साथ बाबर से युद्ध करते हुए खेत रहे थे !बाद में हुमायूँ दिल्ली से होते हुए आगरा आया तब उसकी फौज ने विक्रमादित्य की पत्नी तथा दो बच्चो को बंदी बना लिया था !ग्वालियर के तोमर राजा विक्रमादित्य मान सिंह के पुत्र थे और गद्दी के वारिस थे !उन्हें मजवूरी में ग्वालियर रियासत इब्राहीम लोदी को सोपनी पड़ी थी !इब्राहीम ने विक्रमादित्य को आगरा के पास स्थित शमशाबाद की जागीर सौप कर अपना दरवारी बना लिया था !ग्वालियर इब्राहीम के पिता सिकंदर लोदी के समय से ही आखं की किरकिरी बना रहा !उसने ग्वालियर पर पाँच बार हमला किया लेकिन हर बार पराजय उसके हिस्से में आई और वह ग्वालियर किला फतह नही कर सका !सिकंदर लोदी ने दिल्ली छोड़कर आगरा को अपनी राजधानी बनाया था !हुमायूं जब शमशाबाद में विक्रमादित्य की विधवा रानी से मिला तो उन्होंने भरोसा दिलाया की इब्राहीम लोधी हमारा भी दुश्मन था !अपनी बात पर विस्वास दिलाने के लिए महारानी ने बेशकीमती कोहिनूर हीरा यह कहते हुए भेंट किया था की मेरे लिए मेरे बच्चे सबसे प्यारे है !आपने मेरी बेटी की इज्जत बचाई ,बेटे की जान बचाई और मेरी जिन्दगी मुझे लौटा दी ,यह हीरा शुक्र गुज़री के तौरपर स्वीकार करे !विक्रमादित्य का बेटा राम सिंह तोमर बाद में मेवाड़ के महारानाओ के पास चला गया था !महाराणा प्रताप ने उसे ग्वालियर के राजा के तौर पर अपने दरबार में स्थान दिया था !हल्दी घाटी के युद्ध में ग्वालियर के इसी तोमर राजा ने अपनी शहादत देकर महाराणा प्रताप की जान बचाई थी !इस युद्ध में उसके दो बेटो ने भी शहादत दी और इसी के साथ ग्वालियर के तोमर के राजपरिवार का अंत हो गया !

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